तनहा हूँ इन राहों में ,
गुमसुम हूँ अकेलेपन के ख्यालों में ,
जो साथ मिले तुम्हारा ,
कुछ दूर ही सही ,
कुछ देर ही सही ,
संभल जाएँगे ये कदम ,
थोड़ा खुश हो लेंगे हम ,
कुछ दूर ख़ुशी से बढ़ लेंगे हम l
दिल हमें भी है ,
हम पत्थर नहीं l
थोड़ी ख़ुशी का हक़ हमे भी है ,
थोड़ी जीने की आरज़ू हमे भी है l
आज हम हैं तुम हो ,
कल कौन कहाँ हो क्या पता ,
तो आओ इस पल को जी लें ,
थोड़ा मुस्कुरा लें , थोड़ा हँस लें l
कल का क्या शायद न आए ,
तो ऐ मेरे दोस्त तू साथ चल ,
कुछ दूर और इस डगर पर ,
मंजिल की मुझे नहीं है फिकर ,
गर साथ हो तुम जैसा कोई हमसफ़र l.
aap kis ke khayalon main ghum hoon
ReplyDeletehttp://notoriousqasid.blogspot.com/
ReplyDeletethanks qasid !!
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