Saturday, December 10, 2011

दिल चाहता है





दिल   चाहता  है   इन   लम्हों  को   रोक  लूं  l
दिल  चाहता  है कुछ  पल  और  जी  लूं  l


दिल  चाहता  है  फिर  से  खो  जाऊं   उन  यादों  में l
वो यादें  जो  कभी  न  मिटेंगी  ,और  न  फिर  कभी  फिर  रचेंगी l


दिल   चाहता  है    तुम   सब  के   साथ   कुछ  दूर   और  चलूँ ,
कुछ  और  हस  लूं , कुछ  और  मुस्कुरा  लूं  ,
कुछ   और  किस्से  कह  लूं , कुछ  और  दिल  बहला  लूं  l


आज  हम   इस   मुकाम  पर  हैं   ,
जिसके बाद   कभी  हम  शायद  न  मिलें  l
पर  उम्मीद है  कि  यादें  सदा दिलों में  खिलती रहें l

वक़्त  तो  बहुत  ही  कठोर  है  ,यह   किसी  के  लिए   रुकता  नहीं l
पहले   है  जोड़ता  और  फिर   जुदा  करने  से   चूकता  नहीं l


आज  लगता  है  हम  किसी  चौराहे  पर  खड़े  हैं  ,
राहें   सबकी  अब  अलग  है  ,सबके  सपने  बड़े  हैं l
पर  यह  हृदय   है  जो  सबमें  सदा  जीवंत   है  , और  सब  इससे  ही तो  जुड़े  हैं I


उम्मीद  करता  हूँ   कि  तुम  हमें   न  भूलना  ,
जो   राह  में   कभी  तुम  खुद  को   अकेला   पाना ,
तो  छोटी  सी ये  मेरी  पंक्तियाँ   ज़रूर  पढ़ना l


सोचना  कि  दूर  कहीं  तुम्हारा  एक  दोस्त  है  ,
जिसके  हाथ  तुम्हारे  लिए  सदा  है  प्रार्थना  में  जुड़े l
प्रार्थना  कि  तुम्हें  राहों  पर  बस  फूल  ही  फूल  मिलें  l

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