एक नज़र हमारे नज़रों से कभी -कभी मिल जाया करतीं ,
आपस में कुछ अनकही बातें हो जाती ,
इक दिन जो करीब सी वो आ गयी ,
एक चंचल उतावलापन हमें वो दिखला गयी
जैसे वो हमारी ही रह देख रही थी अब तक .
जैसे कितना कुछ कहना चाह रही हो
पर अनजानेपन से कतरा रही हो l
वो चुप रहती पर हमें खबरें मिलती
तब क्या होता जब ये नज़रें मिलती l
उन नज़रों ने न जाने कितने गीतों को मेरा अपना बनाया
कितने धुनों में हमने उनका ख्याल गुनगुनाया l
वो दिन भी क्या दिन थे ,
की हम , हम नहीं थे ,
और शायद वो वो नहीं थे ,
हर एक लम्हा यादगार था हर एक लम्हा हसीं ,
मुलाक़ात तो नहीं थी , नाम भी अनाम था ,
पर उस अनजानेपन से ही हमें बड़ा लगाव सा था l
आज यादें वही हैं पर वो लम्हे नहीं हैं ,
वो नज़रें जाने कहा हैं पर हम तो वही के वही हैं !
कैसे दो नज़रें मिल जाती है अचानक ही ,
और कैसे लोग दूरियों की गहराईयों में कही गुम हो जाते हैं ,
हमारी तरह शायद वो भी इसे कोई प्यारा सा ख्वाब मानकर ज़िन्दगी जिए जाते हैं l
आपस में कुछ अनकही बातें हो जाती ,
इक दिन जो करीब सी वो आ गयी ,
एक चंचल उतावलापन हमें वो दिखला गयी
जैसे वो हमारी ही रह देख रही थी अब तक .
जैसे कितना कुछ कहना चाह रही हो
पर अनजानेपन से कतरा रही हो l
वो चुप रहती पर हमें खबरें मिलती
तब क्या होता जब ये नज़रें मिलती l
उन नज़रों ने न जाने कितने गीतों को मेरा अपना बनाया
कितने धुनों में हमने उनका ख्याल गुनगुनाया l
वो दिन भी क्या दिन थे ,
की हम , हम नहीं थे ,
और शायद वो वो नहीं थे ,
हर एक लम्हा यादगार था हर एक लम्हा हसीं ,
मुलाक़ात तो नहीं थी , नाम भी अनाम था ,
पर उस अनजानेपन से ही हमें बड़ा लगाव सा था l
आज यादें वही हैं पर वो लम्हे नहीं हैं ,
वो नज़रें जाने कहा हैं पर हम तो वही के वही हैं !
कैसे दो नज़रें मिल जाती है अचानक ही ,
और कैसे लोग दूरियों की गहराईयों में कही गुम हो जाते हैं ,
हमारी तरह शायद वो भी इसे कोई प्यारा सा ख्वाब मानकर ज़िन्दगी जिए जाते हैं l